भगवान गणेश जी प्रथम पूज्यनीय कैसे बने ? कलंग से बचने व विघ्ननाश के लिए गणेश चतुर्थी को,ये उपाय अवश्य करें

Akshay Jamdagni
2 min readSep 19

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Ganesh Chaturthi

🚩जिस प्रकार अधिकांश वैदिक मंत्रों के आरम्भ में ‘ॐ’ लगाना आवश्यक माना गया है, वेदपाठ के आरम्भ में ‘हरि ॐ’ का उच्चारण अनिवार्य माना जाता है, उसी प्रकार प्रत्येक शुभ अवसर पर सर्वप्रथम श्री गणपतिजी का पूजन अनिवार्य है।

🚩उपनयन, विवाह आदि सम्पूर्ण मांगलिक कार्यों के आरम्भ में जो श्री गणपतिजी का पूजन करता है, उसे अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।

🚩जिस दिन गणेश तरंगें पहली बार पृथ्वी पर आयीं अर्थात जिस दिन गणेशजी अवतरित हुए, वह भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का दिन था। उसी दिन से गणपति का चतुर्थी से संबंध स्थापित हुआ।

🚩शिवपुराण के अन्तर्गत रुद्रसंहिता के चतुर्थ (कुमार) खण्ड में यह वर्णन आता है कि माता पार्वती ने स्नान करने से पहले अपनी शक्ति से एक पुतला बनाकर उसमें प्राण भर दिए और उसका नाम ‘गणेश’ रखा।

🚩पार्वतीजी ने उससे कहा- हे पुत्र! तुम एक मुगदल लेकर द्वार पर बैठ जाओ। मैं भीतर जाकर स्नान कर रही हूँ। जब तक मैं स्नान न कर लूँ, तब तक तुम किसी भी पुरुष को भीतर मत आने देना।

🚩भगवान शिवजी ने जब प्रवेश करना चाहा तब बालक ने उन्हें रोक दिया। इस पर शिवगणों ने बालक से भयंकर युद्ध किया परंतु संग्राम में उसे कोई पराजित नहीं कर सका

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Akshay Jamdagni
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Consultant Astrologer and Vaastu expert: Akshay Jamdagni, Years of experience in Jyotish, Vastu & Numerology, etc